Tuesday 18 July 2017

प्याज तू रुलाता नहीं है

अथह प्याज कथा (जब  प्याज सस्ता था)

प्याज अब तू रुलाता नहीं है
30/- के ऊपर तू जाता नहीं है
'मोदी राज 'में तू सताता नहीं है
न्यूज चैनलों पर तू आता नहीं है
केजरी को नहीं देता तू कोई मुद्दा
राहुल के भी तू काम आता नहीं है
तुम्हारा 'सस्ता' अंदाज भाता नहीं है
तुम्हारा सुर्ख गुलाबी रूप अब लुभाता नहीं है
भाव खाती है हरेक सब्जी कभी न कभी
एक तू ही अपना रौद्र रूप दिखाता नहीं है
गरीब हो या अमीर, किसी को तरसाता नहीं है
'बुरे दिनों 'की याद दिलाता नहीं है
प्याज अब तू रुलाता नहीं है। 

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